Skip to main content

Posts

Showing posts with the label Sad_ poem

इश्क़_ एक _खेल

  इश्क़ एक खेल बन गया, हमने इस खेल मे वफादारी चाही थी, तुम गद्दारी कर चल दिए। हमारा हाथ थाम छोड़ जाना, बड़े-बड़े सपने दिखाकर उन्हें तोड़ जाना। शतरंज क़े खेल का मोहरा बना कर चल दिये, हमे रिस्तो से दूर कर धुँध का कोहरा बना कर चल दिए। पहली बार दिल की सुनी थी हमने , इस दिल ने भी ऐसा खेल खेला की, अधमरा बनाकर चल दिए। हमारे नाम क़े साथ अपना नाम जोड़कर चल दिये, हमे इस दुनिया की भीड़ मे अकेला छोड़कर चल दिए। बरखा बारिश की बूंद की तरह साफ थी, उस एक बूंद मे तुझे तेरे काले दिल का, अक्स मिल जाएगा। हमारी बदुआओ मे भी , तेरे लिए दुआएं निकलती थी, प्यार तो सच्चा हमने किया था, तू तो खेल का मोहरा बनाकर चल दिया। इश्क़ -- ---- - - - - - -   - - - - - खेल बन गया। Breakup image

ज़िन्दगी का एतबार/jindagi ki mahak

 ए ज़िन्दगी इतना एतबार न कर, कही-न-कही हमसें इतना प्यार न कर। पानी की लहरों की तरह, ज़िन्दगी धीरे-धीरे सी चल रही थी। बिना किसी तूफान के , खामोश सी बह रही थीं। किसी ने पानी मे पत्थर फेका, उसे बस इस पानी की प्यास थी। हल्की - हल्की पानी की हिलोरे, हमारी ज़िंदगी को एक नया नाम दे रही थी। उस पानी की आवाज हमारे दिल को, कही-न-कही छू रहीं थी। ए ज़िन्दगी तेरा एतबार आज भी बरकरार था, हमे उस अजनबी से आज भी प्यार था। Sad image related to pain