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Popular posts from this blog

Karishma Kudrat Kaa

 कुदरत-ए-तोहफा बहुत ही खास था, हमारे दिल के बहुत ज्यादा ही पास था। तेरे लंबे-लंबे बालों मे भी कुछ खास था, दुसरो को अपनी और आकर्षित करने का राज था, इन मोटी-मोटी आंखों मे मेरे लिए ख्वाबो का संसार था। पलके झुकाए हमारा इंतज़ार करते हो, न जाने क्यों हमसे इतना प्यार करते हो। इन गुलाबी पंखुड़ियों जैसे होंठो का भी क्या कहना, इनकी हल्की सी मुस्कान मे भी हमारे लिए प्यार था। तेरे इन हाथो का भी क्या कहना, अपने हाथों से जो खाना बनाती, उसमे भी लाजवाब स्वाद था। हर दर्द को छिपाना जानते हो, लगा आंखों में मस्कारा,आइलैनर, इन आँशुओ को आंखों में छिपाना जानते हो। मोमबत्ती की तरह मासूम से दिल था, थोड़ी सी नोंक-झोंक में पिघलने लगता था, कुदरत के इस लाजवाब तोफहा को, अपने दिल के पास रखना चाहेंगे। हमारा आज भी आपसे हैं हमारा कल भी आपसे ही रहेगा, हमारे दिल की धड़कने भी आपसे हैं, हमारी आज जो ज़िन्दगी हैं , वो सिर्फ आपसे हैं। Go to link;- Karishma Kudrat Kaa Beautiful love image

rainbow bridge poem | the raven poem | sad poem 2023

😭😭😭😭😭😭😭😭😭     तू जब से मेरी ज़िन्दगी में आया है, मेरे दिन का चैन और रातो की नींद को चुराया है, घर की चारदीवारी में मुझे केद कर, बाहर के गोलगप्पे ,चाउमिन सब कुछ को छुड़ाया है, करा करा कर योगा ,खिला खिला कर,   घर का मम्मी के हाथो का स्वादिष्ट खाना, मुझे गोलू मोलू मोटा ताजा बनाया है, पूरे दिन तेरे डर की वजह से इस बार , एसएससी की एक पोस्ट पर अपना कब्जा जमाया है, ना जाने तेरे डर की वजह से, क्या क्या सीखा हैं, अब तू मुझे छोड़ जा रहा हैं, एक नालायक को फिर से अच्छे स्टूडेंट की कैटेगरी में, ला खड़ा किया है। जा कोरोना जा सबको, अपनी नई ज़िंदगी से रूबरू होने दे , तेरे जाने से ये आंखे नम है, कहीं ना कहीं दिल में एक गम हैं। Go to link:- feeling of love

मौत _ए_ मंजर/Sad_poem

 एक किस्सा बंद नहीं होता  दूसरा शुरू हो जावै है  पढ़कै सुणकै घटना इसी इसी  मन बहुत घणा दुख पावै है > Sad image  तड़पा तड़पा कै मार देवै   नोच नोच कै खावै हैं  ऐसी दरिंदगी देखकै  मानवता भी शरमावै है  जोर जबरदस्ती और निर्मम हत्या  के या ए मर्दानगी क्वावेै है  एक किस्सा बंद नहीं होता  दूसरा शुरू हो जावै है  नशा भी जड़ दिक्खै, बिघ्न की मनै  जो मानव न पशु बणावेै है  या पशुता और वहशीपण कदे निर्भया,कदे ट्विंकल कदे प्रियंका न सतावै है  एक किस्सा बंद नहीं होता दूसरा शुरू हो जावेै है  कुछ ना करता कोई भी इनका  ' बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ' के बस नारे लगावै हैं  जिन मां बापा की बेटी प बीत्तै है  उन न क्यूकर सबर आवै है  एक किस्सा बंद नहीं होता  दूसरा शुरू हो जावै है  मोमबत्ती जलाणा,देणा श्रद्धांजलि  कुछ ना बदल पावै है  समझ नहीं आता के होवैगा समाज का  विनाश की तरफ बढ़ता जावै है  एक किस्सा बंद नहीं होता  दूसरा शुरू हो जावै है  पढ...