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Showing posts with the label Sad poem
 ज़िन्दगी के हर पहलू से रूबरू हो गए हम, जब उस अलग दुनिया में मसरूफ हो गए। गलती से उस जगह पहुंच गए हम, इतने सारे बच्चों को देख पहली बार खुश हुए हम, अब भी इस दुनिया से अनजान थे, कही न कही अब भी  नादान थे। खोज कर पता लगाया, एक अनाथाश्रम का नाम आगे आया, वो खुद भी पत्थर दिल हो गया, जिन्होंने इन मासूमो को अनाथ कर दिया। ज़िन्दगी ने ना जाने कितने गमो से रूबरू कराया हमे, इन बच्चो के साथ ने हमें ज़िन्दगी के खूबसूरत , पलों का एहसास कराया। उनके चेहरे पर एक नूर था, उनकी हंसी के पीछे कही-न- कही, वो चमकता कोहिनूर था। ज़िन्दगी- - - - - - - कराया हमे, जब - - - - - - - - - - - मसरूफ हो गए।

Love is an illusion /sad poem/ savage love

  Love is a chance   Somewhere like a mirage,  This is also a hoax,  From big play,  Knows us,  Like Abhimanyu's Chakravyuh,  Implicates us  Love - - - - - - - chance,  Mirage- - - - - - are deceived.  Love addiction, even with drug addiction  Do bad things,  Drug addiction only makes mental patients,  This is our whole body  Makes half-baked  Hand holding, ilu speaking,  Express love,  This is the biggest deception,  That's why they say sir  Stay away from this love  Also like mirage  This is also a hoax.  Love - - - - - - - - - - Chances are,  Mirage- - - - - - - is deceived.

प्यार एक धोखा

 प्यार एक मौका हैं, कहीं-न-कही मिराज की तरह,  यह भी एक धोखा है, बड़े-बड़े खेलो से, हमें वाकिफ करती है, अभिमन्यु की चक्रव्यूह की तरह, हमें फंसाती है। प्यार- - - - - - - - मौका  हैं, मिराज- - - - - - धोखा हैं। प्यार की लत ड्रग्स की लत से भी, बुरा हाल करती हैं, ड्रग्स की लत सिर्फ मानसिक रोगी बनाती हैं, यह तो हमारे पूरे शरीर को ही, अधमरा बनाती है। हाथ पकड़,ILU बोल, प्यार का इज़हार कर, यही तो सबसे बड़ा धोखा हैं, इसलिए तो कहते हैं जनाब, इस प्यार से दूर रहो, यह भी मिराज की तरह यह भी एक धोखा हैं। प्यार- - - - -   - - - - - मौका हैं, मिराज- - - - - - - धोखा है।

इश्क -ए-बीमारी

 इश्क एक बीमारी बन गयी, जो जहर के प्याले से भी , जहरीली बन गई। वो दीमक भी इससे अच्छा होता है, जो लकड़ी को धीरे-धीरे खोखला करता है, इस इश्क़ जैसी बीमारी ने तो हमे, एक बार में ही खोखला कर दिया। इश्क़--------- ----जहरीली बन गई। बिना जहर दिए, जहर का काम कर गई, वो इश्क़ की बीमारी इतनी, खतरनाक बन गई। बिना जाने इश्क़ कर बैठे, ना जाने इतनी बड़ी गलती , किस तरह कर बैठे, हम तो अपने इश्क़ में भी वफादार थे जनाब, उनकी तो बातो मे भी सच्चाई नही थी, इश्क़- - - - - - - - - -जहरीली बन गईं। ये आंखे आज कुछ ज्यादा नम थी, इन आँखों को भी कोई गम था, हमारा हाथ थाम छोड़ जाना, एक बुरा स्वप्न था। ये इश्क़ उन्हें भी रुलाएगा  हमसे वफादारी न करने का, सबक उन्हें भी सिखाएगा। इश्क़,- - - - - - - - जहरीली बन गई। जिस वियोग मे हम जले हैं, उन्हें भी जलना पड़ेगा, जिस दिन वो दर्द महसूस होगा, उस दिन हमारे प्यार का एहसास होगा। इश्क़- - - - - - - - - - - जहरीली बन गईं।

आँखों का शुक्रिया

 शुक्रिया इन आँखों का, जिन्होंने ज़िंदगी के अलग-अलग, रंगो से रूबरू कराया हमे। जब पहली बार आँखे खोली हमनें, पापा की गोद मे पाया हमनें, जब पहली बार आंखे खोली हमने, मम्मी की ममता से रूबरू हुए हम। शुक्रिया---------------- का, जिन्होंने- - - -- - - -- - - -कराया हमे। जब दुआओ के लिए पहली बार , आंखे बंद की हमने, उस खुदा को अपनी , कल्पनाओं मे पाया हमने। जब पहली बार दुनिया मे आए हम, अपनी मोटी-मोटी आंखों से, दुनिया की चमकतीं रोशनी मे, खो गए हम। शुक्रिया- - - - - - - - - - - का, जिन्होंने- - - - - - - कराया हमे। जब पहली बार मोहब्बत हुई, उन्हें अपने सपनो मे पाया हमने, इन आंखों का शुक्रिया, जिन्होंने इन सबसे रूबरू कराया हमे। शुक्रिया - - - - - - - - - का, जिन्होंने- - - - - - - - कराया हमे।

एक नायाब फनकार/Sad poem

  खुदा-ए-रहमत ना जाने कब किस पर बरसे। कोई नहीं जानता। दिन के बाद रात, सूरज के बाद चाँद, गरीबी के बाद अमीरी, एक नायाब फनकार (रानू मंडल) जिसके सिर पर अमीरी का ताज सजा कभी दो वक्त की रोटी की मोहताज थी वो, आज -खुदा-ए-रहमत, बरसी महलो की रानी हुई वो, टैंलेंट को किसी सिफारिश की नहीं बल्कि पहचाने वाले की जरूरत होती हैं।-2 हीरे की.परख.जौहरी को होती हैं, वहीं उस हीरे को तराश सकता है वो जौहरी, वो आम आदमी था जिसने उनके फन को पहचाना और उस हीरे को तराशा। जो आज बुलंदियो को छू रही हैं। खुदा -ए-रहमत- - - - - - कोई नहीं जानता।

रूह/Sad poem

  एक मासूम थी ,वो अलीगढ़ की ननही_ सी जान थी वो!_2 दुनिया मे किलकारियो के साथ आई थी वो।_2 ढाई साल की मासूम थी वो ट्विंकल नाम था उसका,_2 अभी तो टिमटिमाना बाकी था। उससे पहले ही उसकी रोशनी छीन ली उन दरिंदो ने।_2 चंद पैसो के लिए _2 इतनी बुरी मौत, कि रूह काॅप गई उसकी। अभी तो बोलना भी नही सीखा था उसने_2 उससे पहले ही कुछ दरिंदो ने आवाज बदं कर दी उसकी। चंद पैसो के- - - - - - - - - - रूह काॅप गई उसकी।_2 अभी तो आँखे खोली ही थी उसने,-2 सपने देखने बाँकी थे, उससे पहले ही आँखे फोङ डाली उसकी। चंद पैसो के लिए- - - - - - - - - - रूह काँप गई उसकी।-2 पाबंदी लगाते है कपङो पर,-2 वो तो अनजान,मासूम थी वो। फिर भी चंद पैसो के लिए- - - - - - - - रूह काँप गई उसकी।-2 ना जाने कितने अभियान चलाए-2 सेलफी विद डाॅटर,बेटी बचाओ बेटी पढाओ। थोड़े दिन के लिए रोशनी,फिर वही अधेंरा छा गया।-2 चंद पैसो के लिए - - - - - - - - रूह काँप गई उसकी। *निरभया हतयाकांड हो या आसिफा -2 ना जाने कितने दिनो बाद फैसला आया, और सजा कया मिली फाँसी,-2 सजा-ए-मौत वो हो, जो देखने वालो की रूह काँप जाए,-2 इन दरिंदो की आँखे उसी तरह फोड़ दी जाए, जैसा उनहोने म

ज़िन्दगी की तलाश में/Sad poem

 ज़िन्दगी को एक तलाश थी,  तुझसे थोड़ी दूरियाँ थी , कही मेरी भी थोड़ी मजबूरिया थी। ज़िन्दगी को -  - - - - - - - - तलाश तू साथ- - - - - - - - - - यह आस थी। जहां हम रहते थे -2 वही वो गम भी रहते थे। दोनो अनजान थे एक दूजे के वास्ते , फिर भी न जाने क्यों इतने पास थे। ज़िन्दगी को एक तलाश थी, तू साथ रहे हमेशा यही एक आस थी। Sad image

फौजी की जान/Sad poem

 मेरी त ज़िन्दगी -ए बॉर्डर प जान खातर बनी स दुश्मन न मौत के घाट उतारन खातर बनी  स । वा माँ चावे थी मन छोड़ मत जाइए तू, मेरी आँख का तारा स तू , आफिस म बैठ काम करिये, मने अपनी जान त प्यारा से तू । मेरी त - - - - - - - - - - -- - - -- - खातर बनी स। उस मा न ला तिलक, समझा के अपने दिल न, भेज दिया बॉर्डर प । उस मा के आंखा के आंसू भी न रुके थे, अर दुष्मनां की गोली सीने न चलनी करके पार  होगी, मेरी त - - - - - - - - -- - - - -- - - - - -खातर बनी स। ज दिन तिरंगे म लिपटा आऊंगा, उन तोपां की सलामी खाउंगा दुष्मनां न बॉर्डर प मार गिरा के , अपने नाम आगे अमर जवान लिखवाऊंगा, उस दिन सैनिक कहलाऊंगा। मेरी त - - - - - -- - - - - - - - - - -खातर बनी स।

परिंदा/sad poem

  परिंदा वो जो गगन की ऊँचाई नाप ले   समुद्र  की गहराई माप ले।👌👌    परिंदा वो जो समुन्दर को फाड़ता आए,    गगन को चीरता जाए।👌👌    परिंदा वो जो अपने गीत से सबको बुलाए,    अपने रंग से सबको लुभाए।👍👍👍    कल पंख फैलाकर उड़ना हैं मुझे,    इन लोगो की पतंग की डोर से बचना हैं मुझे।😊😊😊    एक परिंदा हूँ मुझे जीना है इस खुले गगन मे।    एक परिंदा हूँ मैं--------😊😊😊👌👌👍👍