मेरी त ज़िन्दगी -ए
बॉर्डर प जान खातर बनी सदुश्मन न मौत के घाट उतारन खातर बनी स ।
वा माँ चावे थी मन छोड़ मत जाइए तू,
मेरी आँख का तारा स तू ,
आफिस म बैठ काम करिये,
मने अपनी जान त प्यारा से तू ।
मेरी त - - - - - - - - - - -- - - -- - खातर बनी स।
उस मा न ला तिलक,
समझा के अपने दिल न,
भेज दिया बॉर्डर प ।
उस मा के आंखा के आंसू भी न रुके थे,
अर दुष्मनां की गोली सीने न चलनी करके पार होगी,
मेरी त - - - - - - - - -- - - - -- - - - - -खातर बनी स।
ज दिन तिरंगे म लिपटा आऊंगा,
उन तोपां की सलामी खाउंगा
दुष्मनां न बॉर्डर प मार गिरा के ,
अपने नाम आगे अमर जवान लिखवाऊंगा,
उस दिन सैनिक कहलाऊंगा।
मेरी त - - - - - -- - - - - - - - - - -खातर बनी स।
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